वर्तमान में भारत के अनुच्छेद – vartman mein bharat ke anuchchhed kitne hain

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भारत, एक विशाल और भूगोलिक रूप से विविधता से भरपूर देश है, जिसमें कई अनुच्छेद हैं। इस लेख में, हम वर्तमान में भारत में मौजूद अनुच्छेदों की संख्या के बारे में चर्चा करेंगे और उनके महत्वपूर्ण पहलुओं को जानेंगे।

प्रस्तावना

भारत एक संविधानिक लोकतंत्र है जिसका नाम “भारतीय गणराज्य” है। इसका संविधान भारतीय संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था और 26 नवंबर 1949 को अपनी पूर्णता के साथ पारित हुआ था। भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचित जनजातियों के लिए अलग से 8 अनुच्छेद शामिल हैं।

अनुच्छेदों की संख्या और उनका वितरण

वर्तमान में भारत में कुल 395 अनुच्छेद हैं, जो कि भारतीय संविधान के भाग VII में उल्लिखित हैं। इन अनुच्छेदों का विभाजन अनुच्छेद 1 से अनुच्छेद 395 तक है, जो विभिन्न विषयों पर हैं। इन अनुच्छेदों में भारतीय संविधान के मूल उद्देश्यों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों, संघटना और प्रशासनिक व्यवस्था, न्यायपालिका के बारे में विस्तार से चर्चा है।

भारतीय संविधान में अनुच्छेदों का महत्व

भारतीय संविधान में शामिल अनुच्छेद देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ हम कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेदों पर ध्यान केंद्रित करेंगे:

अनुच्छेद 15: संघ और संघचालक

इस अनुच्छेद में संघ और संघचालक के बारे में प्रावधान है, जो सामाजिक एकता और समरसता को बनाए रखने का काम करते हैं। यह भारतीय समाज के आधारभूत सिद्धांतों को मजबूती से जोड़ता है।

अनुच्छेद 19: स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सम्मान

समापन

इस लेख के माध्यम से हमने देखा कि वर्तमान में भारत में कुल कितने अनुच्छेद हैं और उनके महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने की कोशिश की है। भारतीय संविधान के ये अनुच्छेद हमारे समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें गर्व महसूस होना चाहिए कि हम एक ऐसे विशेष देश में जन्मे हैं जिसका संविधान हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है।

क्या भारतीय संविधान में कुल कितने अनुच्छेद हैं?

वर्तमान में भारत में कुल 395 अनुच्छेद हैं।

क्या भारतीय संविधान में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अलग अनुच्छेद है?

जी हां, भारतीय संविधान में अनुच्छेद 19 स्वतंत्रता सेनानियों के लिए विशेष रूप से समर्पित है।

क्या भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकार हैं?

हां, भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का प्रावधान है, जो उनके न्याय, स्वतंत्रता, और उनके मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं।

क्या भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजातियों के लिए अलग अनुच्छेद हैं?

हां, भारतीय संविधान में अनुच्छेद 46 से 55 तक अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए समर्पित हैं।

यह लेख किस प्रकार से विशेष रूप से लाभकारी है?

यह लेख उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो भारतीय संविधान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, सिवाये इसके भी कि वे एक निष्कलंक और विकसित देश की गरिमा में विश्वास रखते हैं।

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