कोर्ट मैरिज कैसे करें : संपूर्ण जानकारी और प्रक्रिया

Ankita
Ankita
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संक्षेप
परिचय
कोर्ट मैरिज क्या होता है?
कोर्ट मैरिज करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
कोर्ट मैरिज करने के लिए कैसे आवेदन करें?
आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची
कोर्ट मैरिज के दौरान कौन-कौन सी प्रक्रियाएं होती हैं?
कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया
विवाह पंजीकरण
कोर्ट मैरिज की जरूरी बातें
कोर्ट मैरिज के फायदे
आवश्यक सावधानियाँ
कोर्ट मैरिज की स्थिति जाँचना
कोर्ट मैरिज का कार्यालय कहाँ स्थित होता है?
निषेधाज्ञाप्ति के बाद क्या करें?
संपर्क जानकारी
सामान्य प्रश्न

संक्षेप

कोर्ट मैरिज एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें दो लोग कानूनी रूप से विवाहित होते हैं और इसे अधिकृत न्यायिक अधिकारी के सामने करवाया जाता है। यह विवाह प्रक्रिया अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त होती है जो विवाह करना चाहते हैं लेकिन परंपरागत विवाह प्रक्रिया का अनुसरण नहीं करना चाहते हैं। इस लेख में हम आपको कोर्ट मैरिज करने के लिए आवश्यक जानकारी और प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

परिचय

जब दो व्यक्ति किसी कानूनी रूप से विवाहित होते हैं, तो वे कोर्ट मैरिज के तहत पहचाने जाते हैं। कोर्ट मैरिज विधिक प्रक्रिया के अनुसार होता है और इसे न्यायिक अधिकारी के सामने पूरा किया जाता है। कोर्ट मैरिज करने के कई लोगों के पास विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि उनके परिवार की अस्वीकृति, जाति, धर्म या किसी अन्य सामाजिक प्रतिबंध की वजह से। कोर्ट मैरिज करने के लिए व्यक्तियों को कुछ योग्यता मानदंडों को पूरा करना होता है और विशेष दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। इस लेख में हम आपको कोर्ट मैरिज करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे।

कोर्ट मैरिज क्या होता है?

कोर्ट मैरिज एक विधिक प्रक्रिया है जिसमें दो लोगों को एक साथ कानूनी रूप से विवाहित किया जाता है। इसे अधिकृत न्यायिक अधिकारी के सामने पूरा किया जाता है और विवाह पंजीकरण के तत्काल बाद, विवाह प्रमाणपत्र दिया जाता है। कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया देश और क्षेत्र के कानूनों और नियमों के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। कोर्ट मैरिज करने का मुख्य उद्देश्य विवाह करने की प्रक्रिया में आसानी और तेज़ी लाना होता है, इसलिए इसकी प्राथमिकता बढ़ती जा रही है।

कोर्ट मैरिज करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?

कोर्ट मैरिज करने के लिए निम्नलिखित योग्यता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है:

  1. वयस्क: व्यक्ति को कोर्ट मैरिज करने के लिए कानूनी रूप से वयस्क होना चाहिए। कई देशों में, वयस्कता की आयु 18 वर्ष होती है।
  2. वैवाहिक स्थिति: यदि कोई व्यक्ति पहले से ही विवाहित है, तो वह कोर्ट मैरिज करने के लिए योग्य नहीं होगा। वह पहले की शादी को समाप्त करने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
  3. सामरिक योग्यता: कोर्ट मैरिज करने के लिए व्यक्ति को वैध सामरिक योग्यता होनी चाहिए। इसमें कोई भी गंभीर रोग, मानसिक विकार या अशक्ति शामिल हो सकती है जो विवाह की क्षमता को प्रभावित करती है।
  4. संबंधित कानूनों का पालन: कोर्ट मैरिज करने के लिए व्यक्ति को अपने देश और क्षेत्र के संबंधित कानूनों का पालन करना होगा। इसमें विवाह की आयु सीमा, नागरिकता योग्यता, धर्म और संपत्ति संबंधित कानून शामिल हो सकते हैं।

कोर्ट मैरिज करने के लिए कैसे आवेदन करें?

कोर्ट मैरिज करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. वकील से परामर्श: कोर्ट मैरिज करने से पहले, आपको एक वकील के पास जाकर संबंधित कानूनी प्रक्रिया के बारे में सलाह लेनी चाहिए। एक वकील आपको विवाह प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची और अन्य निर्देश प्रदान करेगा।
  2. आवेदन पत्र तैयार करें: वकील की मार्गदर्शन में, आपको कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदन पत्र तैयार करना होगा। इसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, साक्ष्य, तारीख और विवरण शामिल हो सकते हैं।
  3. दस्तावेज़ों की प्रमाणित करें: आवेदन के साथ, आपको संबंधित दस्तावेज़ों की प्रमाणित प्रतियां समेत जरूरी दस्तावेज़ों की कॉपी सबमिट करनी होगी। यह शामिल हो सकते हैं पहचान प्रमाण-पत्र, आयु प्रमाण-पत्र, पत्रिका प्रमाण-पत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र, आदि।
  4. आवेदन दाखिल करें: आपको तैयार किए गए आवेदन पत्र और दस्तावेज़ों को अधिकृत कोर्ट में दाखिल करना होगा। इसके बाद, आपको एक तारीख प्राप्त होगी जब आपको कोर्ट के सामने उपस्थित होना होगा।
  5. विवाह पंजीकरण: कोर्ट मैरिज करने के बाद, विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करें। इसमें विवाह प्रमाण-पत्र और विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

कोर्ट मैरिज करने के फायदे और नुकसान

कोर्ट मैरिज करने के कई फायदे और नुकसान हो सकते हैं। यहां हम कुछ मुख्य फायदे और नुकसान की चर्चा करेंगे:

फायदे:

  1. कानूनी सुरक्षा: कोर्ट मैरिज करने से आपको कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है। यह आपके विवाह को अधिकृत बनाता है और आपको संपत्ति, अधिकार और उपचार के कानूनी लाभ प्रदान करता है।
  2. समाजिक स्वीकृति: कोर्ट मैरिज करने से आपको समाज में स्वीकृति मिलती है। इससे आपका विवाह सामाजिक और परिवारिक मान्यता प्राप्त करता है और समाज में आपकी स्थिति मजबूत होती है।
  3. अधिकारों की संरक्षा: कोर्ट मैरिज करने से आपको विवाहित जोड़े के सभी अधिकार प्राप्त होते हैं। यह आपको संपत्ति वितरण, बच्चों की पालन-पोषण, और वारिसी अधिकार की सुरक्षा प्रदान करता है।

नुकसान:

  1. नियमित नजरबंदी: कोर्ट मैरिज करने के बाद, आपको नियमित नजरबंदी और कानूनी चिंता का सामना करना पड़ सकता है। आपको कानूनी तरीके से संपत्ति वितरण, विवाह तलाक, या बच्चों के हक के मामलों में अपने अधिकारों की संरक्षा के लिए कोर्ट में जाने की आवश्यकता हो सकती है।
  2. परिवारिक जटिलताएं: कोर्ट मैरिज करने से परिवारिक जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसमें परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों की कमजोरी, मनोवैज्ञानिक तनाव, और विवाहित जीवन के तनाव शामिल हो सकते हैं।

यदि आपको कोर्ट मैरिज के बारे में अधिक जानना है, तो आप एक वकील से सलाह ले सकते हैं और अपने व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर निर्णय ले सकते हैं।

परिणाम

कोर्ट मैरिज करना एक कठिन निर्णय हो सकता है, लेकिन इसमें अपने विचार और आपके साथी के साथ सहयोग करने का एक महत्वपूर्ण मौका है। यह आपको न केवल कानूनी सुरक्षा देता है, बल्कि आपकी स्थिति को समाज में मान्यता भी प्रदान करता है। यदि आपका विवाह कोर्ट में होने की तरफ जाता है, तो आपको संबंधित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता होगी। अपने वकील की सलाह लेकर और आवश्यक दस्तावेज़ों को प्राप्त करके, आप इस महत्वपूर्ण संगठनिक प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं।

क्या कोर्ट मैरिज गैर-संख्यिक जोड़ों के लिए भी उपलब्ध है?

हाँ, कोर्ट मैरिज की सुविधा गैर-संख्यिक जोड़ों के लिए भी उपलब्ध है। इसमें किसी भी लिंग, जाति, या धर्म के जोड़े शामिल हो सकते हैं।

क्या कोर्ट मैरिज कराने के लिए आवश्यक उम्र है?

हर राज्य और देश के नियमों में उम्र संबंधी निर्देश दिए गए होते हैं। सामान्यतः, लड़के की उम्र 21 और लड़की की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए।

क्या कोर्ट मैरिज करने के लिए पूर्व संबंधों का विचार किया जाता है?

हाँ, कोर्ट मैरिज करने से पहले विचार किया जाता है कि अगर कोई पूर्व संबंध है तो उसे समाप्त करना चाहिए। कई देशों और राज्यों में एक विवाह विचाराधीनता अवधि के बाद ही कोर्ट मैरिज की अनुमति होती है।

क्या कोर्ट मैरिज कराने के लिए वकील की जरूरत होती है?

हाँ, आपको कोर्ट मैरिज कराने के लिए एक वकील की सलाह लेना अच्छा होगा। वकील आपको आवश्यक दस्तावेज़ों की सहायता करेगा और संबंधित कानूनी प्रक्रिया के बारे में आपको जानकारी देगा।

क्या कोर्ट मैरिज कराने के लिए साक्षी की आवश्यकता होती है?

हाँ, कई देशों में कोर्ट मैरिज के लिए एक साक्षी की आवश्यकता होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि विवाहित जोड़े अपने स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के विवाह कर रहे हैं

यदि आपके पास कोर्ट मैरिज के बारे में अधिक सवाल हैं, तो आप अपने वकील से संपर्क कर सकते हैं और उनसे सलाह ले सकते हैं।

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