कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर को कितने पार्ट में होता है – computer software ko kitne part mein hota hota hai

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कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर वे प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर हार्डवेयर पर चलकर कंप्यूटर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये सॉफ़्टवेयर इंटरनल और एक्सटर्नल उपकरणों के साथ संगत होते हैं और कंप्यूटर उपयोगकर्ता को विभिन्न कार्यों को सरल बनाने में मदद करते हैं।

सॉफ़्टवेयर के प्रकार

सिस्टम सॉफ़्टवेयर

सिस्टम सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर के तंत्रिका पर आधारित होते हैं और हार्डवेयर को ऑपरेट करने में मदद करते हैं। इनमें ऑपरेटिंग सिस्टम, ड्राइवर्स, फर्मवेयर आदि शामिल होते हैं।

एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर

एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ता के विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए बनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, वॉर्डप्रोसेसर, गेम, फोटोएडिटर आदि।

उपकरण सॉफ़्टवेयर

उपकरण सॉफ़्टवेयर विभिन्न हार्डवेयर उपकरणों के साथ संगत होते हैं और उन्हें कंप्यूटर से संचालित करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, प्रिंटर ड्राइवर, वेबकैम सॉफ़्टवेयर आदि।

सॉफ़्टवेयर विकास की प्रक्रिया

सॉफ़्टवेयर को विकसित करने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों से गुजरती है:

पहला चरण: विश्लेषण

इस चरण में, सॉफ़्टवेयर विकासकर्ता ग्राहक की आवश्यकताओं और अनुमानित लाभों का विश्लेषण करते हैं। इससे उन्हें यह ज्ञात होता है कि सॉफ़्टवेयर को कैसे डिज़ाइन करना है और किन-किन कार्यों को इसमें शामिल करना है।

दूसरा चरण: निर्माण

इस चरण में, विकासकर्ता सॉफ़्टवेयर को डिज़ाइन करते हैं और कोडिंग करते हैं। यह चरण सॉफ़्टवेयर बनाने का मूल चरण होता है जिसमें फ़ंक्शनलिटी को लागू किया जाता है।

तीसरा चरण: परीक्षण

परीक्षण चरण में, विकासकर्ता सॉफ़्टवेयर को विभिन्न प्रकार के टेस्ट केसेस के साथ चलाते हैं ताकि किसी भी त्रुटि को पहचाना और सुधारा जा सके।

चौथा चरण: उत्पादन

इस चरण में, सॉफ़्टवेयर को अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचाने के लिए तैयार किया जाता है और इसे लाइसेंस के तहत वितरित किया जाता है।

ओपन सोर्स और प्रोप्राइटरी सॉफ़्टवेयर

सॉफ़्टवेयर दो प्रकार के होते हैं – ओपन सोर्स और प्रोप्राइटरी। ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर उस सॉफ़्टवेयर को कहते हैं जिसका स्रोत कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होता है और कोई भी उपयोगकर्ता इसे बदल, संशोधित और वितरित कर सकता है। प्रोप्राइटरी सॉफ़्टवेयर, विपरीत है, उसका स्रोत कोड गुप्त रूप से रखा जाता है और उसे केवल संपन्न लाइसेंस होल्डर के लिए ही उपलब्ध कराया जाता है।

सॉफ़्टवेयर लाइसेंसिंग

सॉफ़्टवेयर लाइसेंसिंग उस प्रक्रिया को कहता है जिसमें सॉफ़्टवेयर के उपयोग, प्रतियोगिता, और प्रत्यायोजन की शर्तें निर्धारित की जाती हैं। ये लाइसेंस सॉफ़्टवेयर के उपयोगकर्ता के अधिकार और प्रतिबंधों को स्पष्ट करते हैं।

सॉफ़्टवेयर उपग्रेड और अपडेट

सॉफ़्टवेयर उपग्रेड और अपडेट उपयोगकर्ताओं को नवीनतम सुविधाओं और सुरक्षा सुधारों के साथ अपडेट करने की सुविधा प्रदान करते हैं। ये सुधार उपयोगकर्ताओं को सॉफ़्टवेयर को नए संस्करण में अपग्रेड करने का विकल्प भी देते हैं।

भविष्य के दिशा-निर्देश

कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर ने आधुनिक तकनीकी विकास को क्रांतिकारी रूप से प्रभावित किया है। भविष्य में इसका उपयोग और विकास और भी गतिशील होगा। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में सॉफ़्टवेयर विकास को समर्थन करने के लिए नए और उन्नत उपाय विकसित हो रहे हैं।

समापन

इस लेख में हमने देखा कि कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर क्या होता है और इसके विभिन्न प्रकार क्या हैं। हमने सॉफ़्टवेयर के विकास की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की। सॉफ़्टवेयर के ओपन सोर्स और प्रोप्राइटरी स्वरूप के बारे में भी चर्चा की गई। भविष्य में सॉफ़्टवेयर के उपयोग और विकास के लिए नए दिशा-निर्देश विकसित होने की उम्मीद है।

कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर क्या है?

कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर वे प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर हार्डवेयर पर चलकर कंप्यूटर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

सॉफ़्टवेयर के कितने प्रकार होते हैं?

सॉफ़्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं – सिस्टम सॉफ़्टवेयर, एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर, और उपकरण सॉफ़्टवेयर।

सॉफ़्टवेयर के विकास की प्रक्रिया में कौन-कौन से चरण होते हैं?

सॉफ़्टवेयर के विकास की प्रक्रिया में चार चरण होते हैं – विश्लेषण, निर्माण, परीक्षण, और उत्पादन।

ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर क्या है?

ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर उस सॉफ़्टवेयर को कहते हैं जिसका स्रोत कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होता है और कोई भी उपयोगकर्ता इसे बदल, संशोधित और वितरित कर सकता है।

कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर के भविष्य में क्या बदलाव हो सकते हैं?

भविष्य में कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर के उपयोग और विकास में नए दिशा-निर्देश विकसित होने की उम्मीद है, जो तकनीकी विकास को और गतिशील बनाएगा।

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